जब से मैंने जन्म लिया, स्थान बदलना तो जैसे मेरी नियति का एक हिस्सा हो गया है। शायद मेरी कुंडली का वह ग्रह, जिससे मैं परिभाषित होता हूं, सदैव चलायमान रहता है। 5 वर्ष की अवस्था से यह प्रक्रिया शुरू हुई और आज भी अपने अभीष्ट तक नहीं पहुंची है। उत्तर प्रदेश राज्य के, गोंडा जनपद में जन्म लेने के उपरांत सर्वप्रथम बहराइच, फिर फैजाबाद, फिर लखनऊ, इलाहाबाद और अब भारतीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली। कुल 22-24 साल की यात्रा का इतिहास समेटे हुए मैं आज भी चालित हो रहा हूं। हां इसमें से कोई भी यात्रा मनोरंजन आदि के लिए नहीं थी, बल्कि स्वयं को स्थापित करने के लिए एक आधार की खोज में या यूं कहूं कि कलयुगी निर्वाण की प्राप्ति के लिए थी।