हे कुलीनों! सुन रहे हो? अब नहीं विश्राम होगा!
अब महासंग्राम होगा!
कब तलक हम बीथियों में घूमते - सोते रहेंगे
कब तलक हम चौसरों पर हार कर रोते रहेंगे
कब सृजन की शक्तियां फिर से नया आकार लेंगी
चेतना के पृष्ठ पर कब शक्ति का संधान होगा
अब महासंग्राम होगा!