Thursday, 1 August 2019

नए लड़के


कह रहे थे कुछ लोग
कि मर रही है हिन्दी
भूल रहे हैं सब
लिखना तो दूर
कोई पढ़ना ही नही चाहता
न कविताएं, न कहानियां
रिस रही है धीरे-धीरे,

मेैनें चाय पर बुलाया
उन लोगों को
और कुछ नये लड़कों को भी
उनके मोबाइल फोन
और लैपटाप के साथ,