Monday, 31 December 2018

प्रिय 2018 के नाम पत्र


प्रिय 2018,

            आज तुम्हारे साथ अंतिम दिन की शुरुआत कर चुका हूं, इसके बाद हम कभी नहीं मिलेंगे। जीवन का वह मोड़ सबसे कठिन होता है, जहां पर आप किसी से इस तरह बिछड़े कि दोबारा मुलाकात का संयोग तो दूर नियति ही ना हो। लेकिन स्मृतियों में और संस्मरणों में तुम हमेशा जीवंत रहोगे। एक मनुष्य के जीवन में उसकी युवावस्था के संस्मरण सबसे प्रमुख और प्रभावी होते हैं, और जब कि तुम मेरे जीवन के संक्रमण काल में मेरे साथ रहे हो तो तुमने भी पूरी तरह अपनी प्रभाविता स्थापित कर दी है।