Monday, 1 July 2019

याचना



तुम ये जो लिखते रहते हो
हर रोज़
कविताएं,
कहानियां,
गजलें,

कहां से लाते हो इतने शब्द
और ये भावनायें सारी
क्या मिल गया है
कोई अक्षय-पात्र
या करते हो कोई साधना