वे जिन्हें लगता था कि युगों पुरानी हमारी पहचान हमसे छीन लेंगे।
वे जो सोचते थे कि अयोध्या को रण-क्षेत्र बनाकर, हमारे राम का घर एक अखाड़ा बना देंगे।
वे नहीं जानते थे कि हमारे राम के घर जलने वाले दीपक एक दिन विश्व कीर्तिमान बनाएंगे।
वे जिन्हें हमारी आस्था के साथ खेलना अपना सबसे प्रिय कार्य लगता था, आज वे भी राममय हो जाना चाहते हैं।
वे सभी आज लॉस एंजिल्स, बर्लिन, एमस्टरडम, न्यू साउथ वेल्स और लंदन की गलियों से हमारे महान पूर्वज और चक्रवर्ती सम्राट भगवान राम के अजेय नगरी की तस्वीरें साझा कर रहे हैं।
वे आज अपने आसपास के लोगों से मेरे राम की महान नगरी अयोध्या का कीर्तिमान बता अपने रुतबे में थोड़ी बढ़त चाहते हैं।
बहुत साल लगे उन्हें अयोध्या नगरी के नाम का अर्थ समझने में; अब वे जान गए हैं कि अयोध्या को नहीं जीता जा सकता, वह युगों से अजेय है और समय के अंत तक महानतम रहने वाली है। यही महान भारत की पहचान है।
हम जब भी यह समझने लगते हैं कि मेरे सत्य और आपके सत्य के बीच में भी एक सत्य है और उस सत्य का भी सम्मान करने लगते हैं, तब हम भारतीय होने लगते हैं। भारत किसी देश का रेखांकन मात्र नहीं है, बल्कि एक संस्कृति है, एक विचारधारा है। यह राम की भूमि है, जहां जीवन दर्शन आकर लेता है और विमर्श से पैदा हुई विविधता को एकता में पिरो जीवन जीने की एक संहिता तैयार करता है। हम इसे हिंदू होना कहते हैं।
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