Saturday, 16 July 2022

उत्तर प्रदेश : विभाजन और विकास



पिछले एक हफ़्ते से एक शोध पत्र लिखने की कोशिश में था कि संयुक्त प्रांत से उत्तर प्रदेश हुए इस बड़े भूभाग, जिसकी आबादी ब्रिटेन से भी अधिक है, को कैसे विभाजित किया जाए कि समृद्धि और शिक्षा की अलख राज्य के जन-जन तक सुचारू प्रवाहित हो सके और पुराने विभाजित आंकड़ों के आधार पर यह कैसे समझाया जाए कि विभाजन समृद्धि ही लायेगा? उत्तराखंड का संघर्ष निराश करने वाला रहा है फिर भी इसके विकास और प्रशासनिक व्यवस्था के सुधार से कुछ तो उम्मीद की ही जा सकती है।

लेकिन भावनात्मक मन उत्तर प्रदेश के विभाजन को सुन मेरे तार्किक मन से लड़ पड़ता है। माटी के प्रति श्रद्धा ने देश से उतर राज्य हेतु प्रेम को भी पुष्ट किया है। मुझ पर क्षेत्रवाद का इतना गहरा प्रभाव नहीं है फिर भी बचपन से आज तक पता लिखते हुए गांव, थाना, तहसील, जिला और फिर राज्य का नाम इतनी बार रिपीट हुआ है कि अब भूलता ही नहीं; अब ऐसे में छेड़छाड़ हो तो मन विरोध तो करेगा ही! आखिर भावना से भावना का वरण ही तो एक मनुष्य की सांस्कृतिक पहचान होती है।