Tuesday, 8 December 2020

तुम्हारा होना और ना होना।

 


जब तुम साथ होती है तो मेरे शब्द मुखरित नहीं हो पाते,
वे आवाज में बदलने से पहले डूब जाते हैं तुम्हारी आंखों में
या कहीं और,
मेरे फड़फड़ाते होंठ दब जाते हैं तुम्हारे मधुर चुम्बनों के भार से,
और हृदय की धड़कनें दबा दी जाती हैं तुम्हारे कोमल वक्षस्थलों द्वारा।