Wednesday, 22 May 2019

सोचता हूं।



सोचता हूं
कि सोचना ही बंद कर दूं
क्योंकि कुछ नहीं होने वाला
केवल सोचने से,

देश-दुनिया के बारे में सोचता हूं
नए बदलाव के बारे में सोचता हूं
नए विचारों के बारे में भी सोचता हूं
लेकिन रूप नहीं दे पाता
बस सोचता रह जाता हूं।

Tuesday, 21 May 2019

चुनाव, एक्जिट पोल और लोग


चुनाव हो गए हैं खत्म
आ गए हैं एग्जिट पोल भी
और छेड़ दिया है
तू-तू मैं-मैं के एक अनोखे तार को,

यहां जीतता नहीं कोई
बस हराने में लगे हैं
अपने विरोधियों को 
और उनके सहयोगियों को,

Friday, 17 May 2019

एक कहानी



एक कहानी पढ़ रहा हूं
अधूरी लग रही है
टूटन भी है इसमें,

ऐसा लगता है
जैसे किसी ने
सच लिख दिया हो
अपना सच,

सपनें

Image Source : Internet

इक दिन देखा था उपवन में
घूम रही थी सुबह सवेरे
इक छाया मेरी अपनी सी
इक आकृति मेरे सपनों की,

सजल नयन जब पास गया तो
नहीं मिला कोई भी अपना
नही मिली वह आकृति भी
निकलकर जो झुरमुट से बासों के
खलिहानों में खत्म हो गयी,

Friday, 3 May 2019

पत्रकारिता

Source : Internet


तुम्हारी स्वतंत्रता तुम्हें मुबारक
लेकिन हमारे सच से मत खेलो।

चंद चाटुकारों की खातिर
जो करते हो अधर्म,
नाश हो जाएगा
मिट जाओगे
भरोसा तो बंद ही हो चुका है।

Wednesday, 1 May 2019

एक प्रहसन

Image Source : GOOGLE


एक प्रहसन चल रहा है
मेरे अंदर,

कुछ पात्र नए गढ़ रहा हूं
कुछ को हटा रहा हूं
जीवन से,
बदल रहा हूं कुछ नियम भी
और उनके दाग़ सारे,