Thursday, 25 July 2019

भागती लड़कियां


दिख रही है हजारों कविताएं
सारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर
प्रेम को ही स्वतंत्रता मान चुकी 
एक लड़की के क़सीदे में,

वे कविताएं
शायद भूल जाती हैं
मुथैया विनीथा को
रितु करिधाल को
हिमा दास को

Tuesday, 23 July 2019

हिमा दास : ढ़ीग एक्सप्रेस



एक पुत्री भारत मां की
दौड़ रही है
पैरों में पंख बांध,

तोड़कर सारी जंजीरे
और बंन्धन
गरीबी और जातिवाद सरीखे,

Thursday, 18 July 2019

शब्द मिलते नहीं बनाता हूं।


शब्द मिलते नहीं बनाता हूं,
मैं एक कारखाना चलाता हूं।
लिखता हूं कविताएं और किस्से,
फिर उन्हें आग में जलाता हूं।
प्यार भी करके मैंने देखा है,
और अब उससे खौफ खाता हूं।
जब से वो दूर हो गया मुझसे,
खुद से भी कम ही मिलने जाता हूं।
अब तो बस तार-तार होता हूं,
फिर एक नई आकृति बनाता हूं।
कभी सीखी थी शायरी मैनें,
आज लिखता हूं और गाता हूं।
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Wednesday, 3 July 2019

एक कवि की मौन पीड़ा


वो एक कवि
जो लिखना चाहता है
वर्तमान परिस्थितियों पर कविता
तीक्ष्ण व्यंग
कुछ कटाक्ष भी
और संग्रहीत कर देना चाहता है
अपने संकलन में,
      
जिससे
आने वाली पीढ़ियां
यह ना कह पाएं
कि तुम मौन क्यों थे
क्यों नहीं लिखा तुमने सच
जो तुम्हारी आंखों के सामने हो रहा था
कहां छुपे हुए थे तुम
प्रेमिका के पल्लू या जुल्फों में तो नहीं।

Monday, 1 July 2019

याचना



तुम ये जो लिखते रहते हो
हर रोज़
कविताएं,
कहानियां,
गजलें,

कहां से लाते हो इतने शब्द
और ये भावनायें सारी
क्या मिल गया है
कोई अक्षय-पात्र
या करते हो कोई साधना