नहीं भूलूंगा तुमको
ना ही अहसास तुम्हारा
सब याद रखूंगा अक्षरशः
अपने समय के अंत तक,
रख लूंगा स्वयं में
सब कुछ-
तुम्हारी यादें
और वो फूल भी
जो तुमने
किताबों के बीच रखा था,
शनैः-शनैः सहेज लूंगा
तुमको अपने अंदर
तुमसे बहुत दूर
लेकिन सुरक्षित,
और ले चलूंगा
अपने साथ
उस पार तक
जैसे छाया चलती है,
एक सुन्दर प्रकोष्ठ भी दूंगा
तुमको हृदय में
सुसज्जित करके
रहने के लिए,
और बगल वाले प्रकोष्ठ में
रखूंगा तुम्हारी चीजें-
हर आलिंगन,
सारे चुंबन,
और वो असीमित प्यार भी
जो तुम अक्सर लुटा देती हो
मुझ पर,
यदि बच गया फिर भी
कुछ
तुम्हारे अक्स का,
तो गीत गजलों में
उतारूंगा उसे
और सुनाऊंंगा सभी को
सजल उर प्रेम अपना
कंठ की आवाज तक,
ऐसे रखूंगा प्रिये
मैं साथ तुमको
नहीं भूलूंगा तुमको
और
ना ही एहसास तुम्हारा।
***
- Rishi
copyright©2019
*Image Source : Photo by Asad Photo Maldives from Pexels
2 comments:
वाह ऋषि जी। बहुत खूबसूरती से आपने उकर दिए भाव अपने। किसी को सहेज लेने की इससे उत्तम विधि नहीं हो सकती
बहुत आभार आपका, हृदय से धन्यवाद 💐
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