Saturday, 7 September 2019

चांद



बे-सबब मुस्कुरा रहा है चाँद,
विक्रम लैंडर छुपा रहा है चाँद।

कैसा बैठा है छुपा के लैंडर,
'इसरो' को सता रहा है चाँद।

हमने बचपन में कहा था मामा,
आज क्युं रिश्ते भुला रहा है चांद।

कह दो कनेक्शन जोड़ दे फिर से,
के अब गुस्सा दिला रहा है चाँद।
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