Sunday, 28 April 2019

एक नग़मा


आज उनका फोन आया

कह रहे थे कि
तुम्हारी याद में हमने
लिखा है एक नगमा,

आसमां पर तारे लिखे हैं
चांद चमकीला लिखा है
फूल में खुशबू लिखी है
औ रंग-बिरंगी तितलियां भी,


बादलों पर याद से
चेहरा बनाया है तुम्हारा,
और सुनहरे अक्षरों से
रंग चमकीला भरा है,

फिर पुराने गीत से
गजलों से 
कुछ शब्द-फूलों को चुना है,

और उनसे एक प्यारा
ताज गढ़कर
रख दिया है शीश पर
देखो तुम्हारे,

हमने पूछा और कुछ
हमको सुनाओ
क्या लिखा है,

जोर से बोले कि
तुमको
और
बस तुमको लिखा है।

***


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