Sunday, 21 June 2020

पत्थरों पर लिखा प्रेम जिसके लिए..



पत्थरों  पर  लिखा  प्रेम  जिसके  लिए,
उसकी  दुनिया  हमारी  कभी  ना  हुई।

हम  मिले  प्रेम में कुछ  कदम  भी चले,
कुछ  कहानी  लिखी  कुछ  इशारे बने।
पंखुरी  से  अधर-द्वय  तनिक  चूमकर,
एक   दूजे  के   हम-तुम   सहारे   बने।

Friday, 19 June 2020

नयन में भरे नीर कैसे कहेंगे।



नयन   में    भरे   नीर    कैसे   कहेंगे,
कि तुमको  भुलाना  कठिन है  मेरी जां!

वे नजरों कि भाषा में कहते हैं सबकुछ,
मुखर शब्दों  की  उनको आदत नहीं है।

तुम्हें    देखना    चाहते   हैं   निरन्तर,
अधिक  की  उन्हें कोई  चाहता नहीं है।