Monday, 16 November 2020
डूबता सूरज : एक सुंदर अनुभूति
Saturday, 14 November 2020
हमारा शुभ दीपोत्सव
संभव है कि आपकी मान्यताओं में दीपोत्सव मानने का करण भिन्न हो लेकिन फिर भी सांस्कृतिक विविधता के एकात्मक रूपांतरण की परिणति है कि हम इस दीपोत्सव को समान हर्षोल्लास से मनाते हैं।
यही भारतीयता है। यही हिंदू होना है। अंततः यही विश्वचेतस होना है। यह एक संस्कृति है, इसे एक धर्म का नाम देकर संकुचित ना करें।
मेरे प्रिय मित्र, जिन्हें अयोध्या और दीपावली में मेरे लिए एकजुटता नहीं समझ आ रही थी, संभव है उन्हें व्यवस्थित स्पष्टता मिल गई हो।
संपूर्ण विश्व को हमारे महान पूर्वज श्री रामचंद्र, मां सीता व श्री लक्ष्मण के अयोध्या वापस आने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे, महान दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं!
श्री रामचन्द्र आपका सब का जीवन सदैव प्रकाशमय रखें।
~ ऋषि
चित्र : श्री रामचन्द्र जी के परम प्रिय सेवक महाबली हनुमान जी के आवास महान हनुमानगढ़ी के गर्भगृह की देहरी पर दीप प्रज्वलित करते मेरे अनुज भ्राता Devesh Dwivedi जी।
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Friday, 13 November 2020
अयोध्या में दीपावली
वे जिन्हें लगता था कि युगों पुरानी हमारी पहचान हमसे छीन लेंगे।
वे जो सोचते थे कि अयोध्या को रण-क्षेत्र बनाकर, हमारे राम का घर एक अखाड़ा बना देंगे।
वे नहीं जानते थे कि हमारे राम के घर जलने वाले दीपक एक दिन विश्व कीर्तिमान बनाएंगे।
वे जिन्हें हमारी आस्था के साथ खेलना अपना सबसे प्रिय कार्य लगता था, आज वे भी राममय हो जाना चाहते हैं।
वे सभी आज लॉस एंजिल्स, बर्लिन, एमस्टरडम, न्यू साउथ वेल्स और लंदन की गलियों से हमारे महान पूर्वज और चक्रवर्ती सम्राट भगवान राम के अजेय नगरी की तस्वीरें साझा कर रहे हैं।
वे आज अपने आसपास के लोगों से मेरे राम की महान नगरी अयोध्या का कीर्तिमान बता अपने रुतबे में थोड़ी बढ़त चाहते हैं।
बहुत साल लगे उन्हें अयोध्या नगरी के नाम का अर्थ समझने में; अब वे जान गए हैं कि अयोध्या को नहीं जीता जा सकता, वह युगों से अजेय है और समय के अंत तक महानतम रहने वाली है। यही महान भारत की पहचान है।
हम जब भी यह समझने लगते हैं कि मेरे सत्य और आपके सत्य के बीच में भी एक सत्य है और उस सत्य का भी सम्मान करने लगते हैं, तब हम भारतीय होने लगते हैं। भारत किसी देश का रेखांकन मात्र नहीं है, बल्कि एक संस्कृति है, एक विचारधारा है। यह राम की भूमि है, जहां जीवन दर्शन आकर लेता है और विमर्श से पैदा हुई विविधता को एकता में पिरो जीवन जीने की एक संहिता तैयार करता है। हम इसे हिंदू होना कहते हैं।
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